घर में बच्चो की पढाई में सुधार कैसे हो- वास्तु की नज़र से




आजकल कम्पीटिशन इतना ज़्यादा बढ़ गया है कि स्टूडेंट के ऊपर इसका दबाव साफ़ दिखाई देता है. एग्जाम  में अच्छा परफॉर्म करना  ,बहुत मेहनत के बाद भी सफलता न मिलना, परेशानी का कारण होता है, टैरो कार्ड रीडर भावना शर्मा बता रहीं है कि  बच्चो की पढाई में सुधार लाने के लिए किन ख़ास बातों को ध्यान  में रखें. कई बार बच्चा  किस दिशा में बैठकर पढ़ रहा है इसका भी प्रभाव उसकी पढ़ाई पर पड़ता है। वास्तु के कुछ आसान उपायों से  साधारण सा बच्चा  भी ब्रिलियंट बन सकता है।

वास्तु के हिसाब से

अगर बच्चो का studyroom बनाते है तो toilets के नीचे कभी भी नहीं बनवाये . कमरे में शीशा ऐसी जगह पर न लगाएं जहां books  पर उसकी छाया पड़ती हो। ऐसा होने से बच्चों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ता है। स्टडी टेबल का आकार गोल, आयताकार या चौकोर हो। तिरछे आकार और टूटी हुई टेबल होने पर बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता और उस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

स्टडी टेबल

स्टडी टेबल को हमेशा  उत्तर दिशा में रखने से बच्चे में सकारात्मक ऊर्जा आती है। उसकी स्मरण शक्ति में भी बढ़ौतरी होती है। पढ़ते समय उसका मुख भी उत्तर दिशा की अोर होना चाहिए। जिससे उसकी थकान दूर होकर ऊर्जा का संचार होता है। पढ़ाई करते समय पीठ के पीछे खिड़की होने से बच्चे को ऊर्जा की प्राप्ति होगी, वह मन लगाकर पढ़ाई करेगा। स्टडी टेबल के सामने 2 फुट का स्थान होने से बच्चे को मिलने वाली ऊर्जा में रुकावट नहीं पड़ती। स्टड़ी रूम अस्त-व्यस्त न हो। जो books use  में न आ रही हो उन्हें वहां से हटा देना चाहिए।

स्टडी रूम

स्टडी रूम  का रंग पीला और वायलेट होना चाहिए। कुर्सी टेबल का रंग भी ब्राइट होना चाहिए। कंप्यूटर को दक्षिण पूर्वी दिशा में रखें। स्टडी  रूम में विद्या की देवी मां सरस्वती का चित्र या प्रतिमा ऐसे स्थान पर लगाएं जहां से बच्चे की नजर उन पर पड़ती रहें। इससे कमरे में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा.बच्चे पर भी मां की कृपा बनी रहेगी

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