भगवान (Bhagvan) की मूर्तियां
घर में भगवान की कितनी मूर्तियाँ होनी चाहिए और अगर आप कई मूर्तियाँ रखते है तो , उनका आकर कितना होना चाहिए . इस संबंध में हिन्दू धर्म और ज्योतिष शास्त्रों विस्तार से उल्लेख मिलता है। भगवान की पूजा और ध्यान से न केवल हमें शक्ति मिलती है बल्कि इससे दिमागी और धार्मिक रूप से संतुष्टि भी मिलती है। हर घर में मंदिर में भगवान की तस्वीर और मूर्ति जरूर होती है। कहा जाता है कि घर में भगवान की सही मूर्ति रखनी चाहिए। वास्तु के अनुसार मंदिर घर का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है। इसलिए वास्तु के अनुसार इस जगह के कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।
श्लोक
गृहे लिंगद्वयं नाच्यं गणेशत्रितयं तथा।
शंखद्वयं तथा सूर्यो नार्च्यो शक्तित्रयं तथा॥
द्वे चक्रे द्वारकायास्तु शालग्राम शिलाद्वयम्।
तेषां तु पुजनेनैव उद्वेगं प्राप्नुयाद् गृही॥
अर्थात घर में दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, दो सूर्य, तीन दुर्गा मूर्ति, दो गोमती चक्र और दो शालिग्राम की पूजा करने से गृहस्थ मनुष्य को अशांति होती है। हालांकि सभी एक एक ही रखेंगे तो कोई हर्ज नहीं लेकिन इससे ज्यादा नहीं होना चाहिए। कुछ मानते हैं कि घर में किसी भी देवता की तीन मूर्तियां या चित्र नहीं होने चाहिए। हो सके तो बस एक ही रखें. मूर्ति पीतल, तांबा, सोना, चांदी या कांसे की धातुओं से बनी होना चाहिए।
मूर्तियों के आकार
शास्त्र अनुसार पूजा घर में रखी जाने वाली देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का आकार 3 इंच से ज्यादा नहीं होना चाहिए या... या हमारे अंगूठे की लंबाई के बराबर ही मूर्तियां रखना चाहिए। अंगूठा आकार से बड़ी मूर्तियां घरके मंदिर में नहीं रखना चाहिए। बड़ी मूर्तियों की पूजा में कई नियमों का पालन करना होता है। इनकी पूजा में... कई नियमों का पालन करना होता है। इनकी पूजा में त्रुटि होना अशुभ माना जाता है और पुण्य लाभ भीप्राप्त नहीं हो पाता है। भावना शर्मा, प्रख्यात टैरो कार्ड रीडर
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